बीजिंग/नई दिल्ली।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि "दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम निकल सकते हैं।"
जयशंकर इस समय तीन दिवसीय चीन दौरे पर हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद उनकी मुलाकात चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से हुई। दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत हुई।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि "दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम निकल सकते हैं।"
जयशंकर इस समय तीन दिवसीय चीन दौरे पर हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद उनकी मुलाकात चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से हुई। दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत हुई।
खुली बातचीत पर जोर
जयशंकर ने कहा, “आज की वैश्विक स्थिति जटिल है। ऐसे में भारत और चीन जैसे पड़ोसी देशों और प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच खुला संवाद बहुत जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कजान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सुधार आया है और यह यात्रा उसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का दोबारा शुरू होना अहम
2025 में भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर विदेश मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ को एक "महत्वपूर्ण पहल" बताया। कोविड और सीमा तनाव के चलते यह यात्रा 5 वर्षों से बंद थी।
SCO महासचिव से भी हुई मुलाकात
बीजिंग में ही जयशंकर की मुलाकात SCO महासचिव नूरलान येरमेकबायेव से भी हुई। उन्होंने संगठन के कामकाज को आधुनिक बनाने और इसके वैश्विक योगदान पर विचार साझा किए। जयशंकर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा,
“SCO महासचिव से मिलकर खुशी हुई। संगठन को अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा हुई।”
'एक पेड़ मां के नाम' पहल के तहत पौधारोपण
जयशंकर ने भारतीय दूतावास परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत अनार का पौधा लगाया, जो भारतीय संस्कृति और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है।
गलवान घाटी टकराव के बाद पहली चीन यात्रा
यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह जून 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन टकराव के बाद विदेश मंत्री की पहली चीन यात्रा है। इस घटना के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया था।