मंदसौर।
नारकोटिक्स विभाग की गिरफ्त में आए एक आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि उज्जैन जिले के उन्हेल निवासी युवक महिपाल को बुधवार रात करीब 400–450 ग्राम एमडी ड्रग के साथ पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को जांच के लिए मंदसौर लाया गया, जहां तबीयत बिगड़ने पर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार सुबह उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप - हिरासत में की गई पिटाई
मृतक के चाचा जुझार सिंह ने दावा किया कि महिपाल को नारकोटिक्स टीम ने हिरासत में पीटा था। उनके अनुसार, महिपाल बुधवार शाम 5 बजे खेत जाने का कहकर घर से निकला था, लेकिन गुरुवार सुबह 6 बजे थाना प्रभारी राकेश चौधरी का फोन आया कि वह विभाग की कस्टडी में है। जब वे मंदसौर पहुंचे, तब उन्हें उसकी मौत की सूचना दी गई।
पुलिस का पक्ष - पहले से थी तबीयत खराब
नारकोटिक्स विंग के डीएसपी आरके चतुर्वेदी के अनुसार, आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जब उसे कार्यालय लाया गया तो वहां उसे उल्टियां होने लगीं और उसकी हालत बिगड़ गई। तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में यह सामने आया कि उसे पेट और फेफड़ों में गंभीर संक्रमण था। डीएसपी ने यह भी बताया कि मृतक पहले भी ड्रग तस्करी के मामले में 12 साल की सजा काट चुका है।
पोस्टमॉर्टम को लेकर विवाद
परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम रतलाम में कराने की मांग की है, जबकि पुलिस इसे मंदसौर में ही कराने पर अड़ी है। इस विवाद को लेकर मामला अब न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है। अस्पताल के बाहर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अधिकारियों की चुप्पी
पूरे मामले को लेकर फिलहाल नारकोटिक्स विभाग के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से बयान नहीं दिया है। मौत की वजह को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है और अब सबकी निगाहें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं।