भोपाल, 10 जून 2025
मध्यप्रदेश में जून की शुरुआत से ही भीषण गर्मी का दौर जारी है। आंधी और बारिश का सिलसिला थमते ही प्रदेश में नौतपा जैसी तपिश महसूस हो रही है। सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जिससे लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना जिलों में मंगलवार और बुधवार को लू चल सकती है। इन इलाकों में हीट वेव अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही प्रदेश के अन्य बड़े शहरों – भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर में भी तापमान 42 से 43 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
छतरपुर का खजुराहो सबसे गर्म
सोमवार को प्रदेश का सबसे गर्म शहर छतरपुर का खजुराहो रहा, जहाँ अधिकतम तापमान 45.8°C दर्ज किया गया। इसके बाद टीकमगढ़ में 45.4°C, ग्वालियर और नर्मदापुरम में 45.2°C, नौगांव और गुना में 45°C तापमान दर्ज किया गया।
बड़े शहरों का हाल:
- भोपाल: 43.4°C
- जबलपुर: 42.6°C
- उज्जैन: 42°C
- इंदौर: 39.6°C
इंदौर में अन्य शहरों के मुकाबले गर्मी थोड़ी कम रही, लेकिन उमस के कारण लोगों को राहत नहीं मिल पाई।
अन्य जिलों में भी तेज गर्मी का असर
प्रदेश के अन्य जिलों में भी गर्मी कम नहीं रही। दमोह, शिवपुरी, सतना, शाजापुर, रीवा, सीधी, उमरिया, मलाजखंड, रतलाम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, रायसेन जैसे जिलों में तापमान 40.2°C से 43.5°C के बीच रहा। मध्यप्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में सबसे कम तापमान 36.6°C दर्ज किया गया, जो बाकी प्रदेश की तुलना में काफी राहत भरा रहा।
44 दिन बाद थमा बारिश का सिलसिला
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 26 अप्रैल से लेकर 7 जून तक लगातार 43 दिन प्रदेश में कहीं न कहीं आंधी या बारिश होती रही। रविवार को पहली बार ऐसा हुआ जब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ रहा। हालांकि सोमवार को बालाघाट, डिंडौरी और मंदसौर में हल्का मौसम परिवर्तन देखने को मिला।
अगले दो दिन बेहद गर्म, फिर राहत
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिन यानी 10 और 11 जून को प्रदेश के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी जिलों में लू का असर और अधिक तेज हो सकता है। विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग के जिलों में लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
अच्छी खबर यह है कि 12 जून से फिर से आंधी-बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है, जिससे गर्मी में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, जहां बारिश नहीं होगी, वहां गर्म हवाओं और तेज धूप से कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है।
मानसून की एंट्री में हो रही देरी
हर साल जून के पहले या दूसरे सप्ताह में मानसून की आमद होती है, लेकिन इस बार मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर ठहरा हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पिछले 12 दिनों से मानसून ने कोई खास प्रगति नहीं की है। यदि यही स्थिति बनी रही, तो मध्यप्रदेश में मानसून 15 जून के आसपास प्रवेश कर सकता है।
इस देरी के चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि बुआई का समय नजदीक है। यदि मानसून और आगे खिसका तो खरीफ फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
लू से बचाव के उपाय:
मौसम विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने लू से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
-
दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें।
-
शरीर को ढककर रखें और हल्के सूती कपड़े पहनें।
-
पानी, नींबू शरबत, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें।
-
घर से बाहर जाते समय सिर को टोपी या गमछे से ढकें।
-
बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखें।
