राजस्थान के भरतपुर जिले के भुसावर कस्बे में शनिवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक सरकारी डॉक्टर की कार में आग लगने से मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि आसपास मौजूद लोग भी उन्हें बचा नहीं पाए। तेज लपटों और धुएं के कारण कोई मदद नहीं पहुंच सकी। हादसा थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर हुआ, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि दमकल को भी काबू पाने में 25 मिनट लग गए।
घटना का विवरण: तेज रफ्तार में बेकाबू हुई कार, दुकान में जा घुसी
शनिवार शाम लगभग 6:30 बजे भरतपुर जिले के भुसावर कस्बे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में कार्यरत सरकारी डॉक्टर डॉ. विनोद मीणा (40 वर्ष) अपनी कार से वैर की ओर जा रहे थे। अचानक उनकी कार अनियंत्रित हो गई और सड़क के दूसरी ओर स्थित एक डायग्नोस्टिक सेंटर (दुकान) में जा घुसी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार जैसे ही दुकान में घुसी, उसमें से धुआं निकलने लगा। दुकान का गेट संकरा होने के कारण कार फंस गई और डॉक्टर बाहर नहीं निकल पाए।
बैक करते वक्त दीवार से टकराई कार, और भड़क उठीं आग की लपटें
डॉ. विनोद मीणा ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और कार को बैक करने लगे। लेकिन कार तेजी से पीछे की दीवार से टकरा गई। इस टक्कर के साथ ही कार में आग लग गई। कुछ ही क्षणों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कार से उठती लपटें इतनी भयानक थीं कि आसपास मौजूद लोग भी पास नहीं जा सके।
स्थानीय लोगों ने मदद करने की पूरी कोशिश की, लेकिन आग की भीषणता और धुएं की अधिकता के चलते कोई भी कार के अंदर फंसे डॉक्टर को बाहर नहीं निकाल पाया।
दमकल और पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक हो चुकी थी मौत
हादसे की सूचना तुरंत भुसावर थाना पुलिस को दी गई। थाना प्रभारी नरेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और भुसावर नगर पालिका की दमकल को बुलवाया गया। दमकलकर्मी योगेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिलने के 5 मिनट के भीतर वे घटनास्थल पर पहुंचे।दमकलकर्मियों ने लगातार 20 से 25 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसके बाद कार के शीशे तोड़कर देखा गया तो डॉक्टर पूरी तरह से जल चुके थे। मौके पर ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
थाने से 50 मीटर की दूरी पर हुआ हादसा, फिर भी नहीं बचा पाई जान
यह हादसा भुसावर थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर हुआ था, जिससे यह सवाल भी उठता है कि इतने पास होने के बावजूद बचाव कार्य समय पर क्यों नहीं हो सका। दरअसल, आग इतनी तेजी से फैली कि कोई भी व्यक्ति रिस्क लेकर नजदीक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
तकनीकी खराबी या अन्य कारण? जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर भुसावर अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। थानाधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे का कारण तकनीकी खराबी थी, या कोई अन्य कारण। कार में शॉर्ट सर्किट, ईंधन रिसाव या ब्रेक फेल जैसी संभावनाएं भी जांच के दायरे में हैं। प्रारंभिक जांच के बाद ही यह तय किया जा सकेगा कि आखिर यह हादसा लापरवाही थी या दुर्भाग्यपूर्ण तकनीकी खराबी।
डॉक्टर विनोद मीणा: एक जिम्मेदार सरकारी अधिकारी
डॉ. विनोद मीणा भरतपुर के भुसावर CHC में कार्यरत थे और इलाके में एक जिम्मेदार और लोकप्रिय चिकित्सक के रूप में जाने जाते थे। उनके आकस्मिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। अस्पताल प्रशासन और उनके सहकर्मी गहरे सदमे में हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: “देखते ही देखते आग ने निगल लिया इंसान”
घटना के प्रत्यक्षदर्शी राजेश शर्मा ने बताया, “कार इतनी तेजी से दुकान में घुसी कि हमें कुछ समझ नहीं आया। दो मिनट के अंदर ही धुआं और आग निकलने लगी। हम सबने बहुत कोशिश की, लेकिन कोई पास नहीं जा सका। हम सब असहाय खड़े थे।”