मंदसौर
मध्यप्रदेश के सुवासरा कस्बे में बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब कुत्तों के झुंड ने 4 वर्षीय आयुष बैरागी पर हमला कर उसकी जान ले ली। यह हृदयविदारक घटना रुणीजा रोड की है, जहां आयुष अपने मामा संदीप बैरागी के घर के आंगन में दो अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था। तभी 8-10 आवारा कुत्तों ने बच्चों पर धावा बोल दिया। दो बच्चे किसी तरह भाग निकले, लेकिन आयुष कुत्तों के चंगुल में फंस गया।स्थानीय लोगों ने कुत्तों को भगाया और घायल आयुष को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर स्नेहिर जैन के मुताबिक, बच्चे के शरीर पर करीब 10 गहरे घाव थे। उन्होंने कहा कि अपने करियर में उन्होंने पहली बार इतने गंभीर और भयानक जख्म देखे।
बताया जा रहा है कि आयुष छह महीने पहले अपनी दादी की मौत के बाद गांव मशोदी से मामा के घर आया था। हादसे के बाद उसे अस्पताल पहुंचाने वाले पड़ोसियों के कपड़े खून से सने हुए थे, जो घटना की गंभीरता को बयां करते हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर परिषद ने आवारा कुत्तों पर कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सुवासरा के गणेश मगरा और आसपास के इलाकों में कुत्तों का झुंड लगातार सक्रिय है। हालांकि, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि डॉ. बालाराम परिहार का कहना है कि यह घटना किशोरपुरा ग्राम पंचायत क्षेत्र की है, जो नगर की सीमा से बाहर है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी संजय राठौर ने बच्चे की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि गुरुवार से आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए 3 दिन का अभियान चलाया जाएगा। वहीं, कांग्रेस पार्षद नेता प्रतिपक्ष महेश मांदलिया ने आरोप लगाया कि नगर परिषद को पहले भी कई बार इस संबंध में चेताया गया, लेकिन अधिकारियों ने साधनों की कमी का हवाला देकर कार्रवाई नहीं की।
इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोग अब ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।