क्या आपने कभी सोचा है कि ज़मीन के नीचे कुछ ऐसा भी हो रहा है जो भारत की भौगोलिक अखंडता को ही तोड़ सकता है? जी हां, हाल ही में वैज्ञानिकों ने भारत को लेकर जो भूगर्भीय खुलासा किया है, वह न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि चिंता बढ़ाने वाला भी।
एक नई रिसर्च के मुताबिक, भारत की टेक्टोनिक प्लेट एक खतरनाक भूगर्भीय बदलाव से गुजर रही है, जिसे “डेलिमिनेशन प्रक्रिया” कहा जाता है। यह प्रक्रिया हमारे भविष्य में भयंकर भूकंपों की संभावना को जन्म दे सकती है।
क्या है डेलिमिनेशन? – धरती के अंदर
का वो बदलाव जो सब कुछ हिला सकता है
डेलिमिनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें टेक्टोनिक प्लेट का निचला हिस्सा टूटकर धीरे-धीरे धरती के अंदर समा जाता है। इस दौरान प्लेट में लंबवत दरारें पड़ती हैं जो उसकी संरचना को अस्थिर बना देती हैं।
इसका मतलब है कि भारत की धरती अब पहले जैसी मजबूत नहीं रही। ये बदलाव भविष्य में शक्तिशाली भूकंपों का कारण बन सकते हैं।
भारत के भविष्य को लेकर
वैज्ञानिक क्यों हैं चिंतित?
इस रिसर्च को अमेरिका के जियोफिजिकल यूनियन ने प्रकाशित किया है, जिसमें बताया गया है कि भारतीय प्लेट, जो पिछले 6 करोड़ सालों से यूरेशियन प्लेट से टकरा रही थी, अब एक नए और खतरनाक चरण में पहुंच चुकी है।
वैज्ञानिकों ने तिब्बती झरनों में भूकंपीय तरंगों और हीलियम समस्थानिकों का विश्लेषण करके यह पाया कि प्लेट में अब एक नई ऊर्ध्वाधर दरार बन चुकी है — जो पहले कभी देखी नहीं गई थी।
वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली राय
डच भूगर्भशास्त्री डौवे वैन हिंसबर्गेन का कहना है,
“हमने कभी नहीं सोचा था कि महाद्वीपीय प्लेटें इस तरह भी व्यवहार कर सकती हैं। यह पृथ्वी विज्ञान में एक क्रांतिकारी खोज है।”
इसका सीधा अर्थ है कि भारत के नीचे चल रही यह प्रक्रिया न सिर्फ अकल्पनीय है, बल्कि इसके प्रभाव इतने तेज़ी से बदल सकते हैं कि भविष्य में हम भूकंप को रोकने या उससे बचाव की प्लानिंग करने में असहाय रह सकते हैं।
क्या करें हम?
यह खबर किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक हकीकत है। ऐसे में जरूरी है कि हम सभी भूकंप-सुरक्षा उपायों, भवन निर्माण के आधुनिक नियमों और जागरूकता पर ज़ोर दें।