पुणे:
शहर के गुजर निंबालकरवाड़ी इलाके में मंगलवार सुबह एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई। सोनावणे बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर रहने वाली चार साल की एक बच्ची खेलते-खेलते खिड़की तक पहुंच गई और बाहर की ओर लटक गई। उसका सिर खिड़की की ग्रिल में फंस गया और वह बिना सहारे नीचे झूलने लगी। यदि समय रहते एक सतर्क फायर फाइटर ने उसे न देखा होता, तो यह घटना किसी बड़े हादसे में बदल सकती थी।
कैसे हुई घटना?
मंगलवार सुबह करीब 9 बजे की यह घटना उस वक्त हुई जब बच्ची की मां अपनी बड़ी बेटी को स्कूल बस तक छोड़ने के लिए घर से बाहर गई थीं। घर में चार साल की बच्ची अकेली रह गई थी। मां ने जाते वक्त दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया था ताकि बच्ची सुरक्षित रहे। लेकिन इसी दौरान बच्ची खेलते-खेलते खिड़की तक पहुंच गई और किसी तरह खिड़की की ग्रिल से बाहर झुक गई।
बच्ची का सिर ग्रिल में अटक गया और उसका शरीर पूरी तरह बाहर लटक गया। वह न तो खुद को ऊपर खींच पा रही थी और न ही किसी की आवाज लगा पा रही थी। यह पूरी घटना महज कुछ मिनटों में घट गई, लेकिन इसके परिणाम भयावह हो सकते थे।
फायर फाइटर की सतर्कता ने बचाई जान
सौभाग्यवश, उसी बिल्डिंग की एक मंजिल पर रहने वाले एक फायर फाइटर की नजर अचानक बच्ची पर पड़ी। उन्होंने बच्ची को हवा में झूलते हुए देखा तो तुरंत तीसरी मंजिल की ओर दौड़ लगाई। लेकिन जब वह दरवाजे तक पहुंचे, तो पाया कि वह बाहर से बंद है। बिना समय गंवाए वे नीचे पहुंचे और बच्ची की मां को खोज निकाला।
मां को जब इस घटना की जानकारी दी गई, तो वह घबराहट में तुरंत फायर फाइटर के साथ ऊपर आईं। दरवाजा खोला गया और दोनों ने मिलकर बच्ची को धीरे-धीरे सुरक्षित खींचकर बाहर निकाला। गनीमत यह रही कि बच्ची को किसी प्रकार की गंभीर चोट नहीं आई, हालांकि वह बुरी तरह डर गई थी और उसे कुछ समय तक चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया।
इलाके में मची हलचल
घटना की खबर तेजी से पूरे सोसाइटी में फैल गई और लोग बिल्डिंग के बाहर इकट्ठा हो गए। कई लोगों ने फायर फाइटर की सतर्कता की प्रशंसा की और कहा कि यदि वह मौके पर मौजूद न होते, तो नतीजा बेहद खतरनाक हो सकता था।
कुछ स्थानीय लोगों ने यह भी सुझाव दिया कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऊंची मंजिलों के घरों में खिड़कियों पर अतिरिक्त जाली या लॉक सिस्टम लगाया जाना चाहिए।
