ईरान पर इजराइली हमला: परमाणु ठिकानों को निशाना, जनरल बाघेरी और सलामी की मौत - Bindass Boliyan

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ईरान पर इजराइली हमला: परमाणु ठिकानों को निशाना, जनरल बाघेरी और सलामी की मौत

ईरान पर इजराइली हमला: परमाणु ठिकानों को निशाना, जनरल बाघेरी और सलामी की मौत


 पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार को इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई प्रमुख इलाकों में हवाई हमले किए। इस हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी और ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी मारे गए हैं। ईरान के सरकारी टेलीविजन और समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने इन खबरों की पुष्टि की है। इसके अलावा हमले में कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिकों की भी मौत हुई है।

इजराइल ने इस सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ का नाम दिया है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार सुबह वीडियो संदेश में इसकी जानकारी दी और कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान द्वारा इजराइल के खिलाफ उत्पन्न खतरा समाप्त नहीं हो जाता।

हमला क्यों हुआ?

नेतन्याहू ने अपने संबोधन में बताया कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है और संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा चुका है। उनका कहना है कि अगर इसे रोका नहीं गया तो ईरान कुछ ही महीनों में परमाणु हथियार बना सकता है। यह इजराइल के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है।

इजराइली खुफिया एजेंसियों को यह भी सूचना मिली थी कि ईरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को सैन्य हमलों के लिए तैयार कर रहा है और इजराइल को निशाना बना सकता है। इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए इजराइल ने ईरान पर यह अभूतपूर्व हमला किया।

किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?

इजराइली हमले में ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित नतांज परमाणु संवर्धन केंद्र को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया। यहां से काले धुएं का गुबार उठते देखा गया। इसके अलावा कई सैन्य ठिकाने, बैलिस्टिक मिसाइल केंद्र और वैज्ञानिकों के कार्यस्थल भी निशाने पर रहे।

नेतन्याहू ने कहा, “हमने उन सभी स्थानों पर हमला किया जो ईरान के परमाणु और सैन्य बुनियादी ढांचे का हिस्सा हैं। हमने उन अधिकारियों को भी निशाना बनाया जो इन खतरनाक परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहे थे।”

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने इन हमलों को ‘कायराना हरकत’ करार दिया और कहा कि इजराइल को इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ईरान अपने मारे गए अधिकारियों और वैज्ञानिकों का बदला जरूर लेगा और समय आने पर इजराइल को कड़ी सजा दी जाएगी।

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने बताया कि इजराइली हमलों में कई आवासीय क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचा है। इसमें दावा किया गया कि यह हमला न सिर्फ सैन्य और वैज्ञानिक ठिकानों पर था, बल्कि आम जनता को भी निशाना बनाया गया है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया

इन घटनाक्रमों पर अमेरिकी प्रशासन ने सफाई दी है कि इन हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से यह बयान जारी किया गया कि अमेरिका ने पहले ही इजराइल को संयम बरतने की सलाह दी थी। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि अमेरिकी कर्मियों या संपत्तियों को किसी भी प्रकार की क्षति पहुंची, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या होगा आगे?

यह हमला 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले से ही बेहद तनावपूर्ण थे, लेकिन अब स्थिति किसी बड़े युद्ध की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला केवल सैन्य जवाब नहीं था, बल्कि पश्चिम एशिया में शक्ति संतुलन को पूरी तरह से बदलने की एक कोशिश भी है। इस कदम के बाद क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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