जयमाला के बाद दूल्हे ने की फॉर्च्यूनर की मांग, नहीं मिलने पर बारात लेकर लौटा वापस: झुंझुनूं में टूटा रिश्ता - Bindass Boliyan

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जयमाला के बाद दूल्हे ने की फॉर्च्यूनर की मांग, नहीं मिलने पर बारात लेकर लौटा वापस: झुंझुनूं में टूटा रिश्ता

जयमाला के बाद दूल्हे ने की फॉर्च्यूनर की मांग

राजस्थान के झुंझुनूं जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी की रस्में चल ही रही थीं कि अचानक दूल्हे ने फॉर्च्यूनर कार की मांग रख दी। दुल्हन के पिता ने असमर्थता जताई तो दूल्हा आधी बारात के साथ शादी तोड़कर चला गया। यह घटना दहेज प्रथा की कुरीति और मानसिक उत्पीड़न का ज्वलंत उदाहरण बन गई है।

शादी में सब कुछ था सामान्य, लेकिन जयमाला के बाद मच गया हंगामा

शनिवार रात झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़जी थाना क्षेत्र के एक गांव में शादी का माहौल था। दुल्हन पक्ष की ओर से पूरे आयोजन की बेहतरीन व्यवस्था की गई थी। स्टेज सजा हुआ था, मेहमानों की चहल-पहल थी, और जयमाला का कार्यक्रम सम्पन्न हो गया था। तभी माहौल अचानक बदल गया।
दूल्हा नीतीश, जो पाटन (नीमकाथाना) निवासी रमेश का बेटा है, ने मंच से उतरकर कमरे में जाकर खुद को अलग कर लिया। परिजनों ने जब उससे बात की तो उसने चौंकाने वाली शर्त रखी—"जब तक फॉर्च्यूनर कार नहीं दी जाएगी, मैं फेरे नहीं करूंगा।"

शुरू में लगा मजाक, लेकिन फिर सच्चाई आई सामने

शादी में मौजूद मेहमानों और परिवारवालों को शुरुआत में लगा कि शायद यह कोई मजाक है, लेकिन कुछ ही समय बाद स्पष्ट हो गया कि दूल्हा गंभीर है। तमाम समझाइश और विनती के बावजूद वह अपनी मांग पर अड़ा रहा। वह कार्यक्रम छोड़ कमरे में बैठा रहा और फेरे लेने से साफ मना कर दिया।

दुल्हन के पिता की भावुक अपील: “मैं कपड़े सीकर गुजारा करता हूं, इतने पैसे नहीं”

दुल्हन के पिता ने मीडिया से बात करते हुए रोते हुए कहा, “मेरे पास इतनी बड़ी गाड़ी देने के पैसे नहीं हैं। मैं तो सिलाई करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता हूं। बेटी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है।”
उन्होंने बताया कि करीब 3 महीने पहले ही सगाई हुई थी। सगाई के समय किसी तरह की ऐसी डिमांड नहीं की गई थी। शादी की सभी तैयारियां हो चुकी थीं और लाखों रुपये खर्च कर दिए गए थे। लेकिन ऐन वक्त पर यह दहेज की डिमांड सामने आई।

दूल्हा प्राइवेट कंपनी में करता है काम, पिता विदेश में मजदूरी

जानकारी के अनुसार, दूल्हा नीतीश एक इंश्योरेंस कंपनी में प्राइवेट नौकरी करता है। उसके पिता विदेश में मजदूरी करते हैं। बावजूद इसके, वह फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कार की डिमांड कर बैठा। स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी जताई और इसे दिखावा व लालच करार दिया।

आधी बारात गांव में डटी रही, लेकिन दूल्हा नहीं माना

शादी के कार्यक्रम में शामिल आधी बारात रातभर गांव में ही डटी रही। परिजन और रिश्तेदार दूल्हे को मनाने की लगातार कोशिश करते रहे। लेकिन दूल्हा अपनी मांग पर अड़ा रहा और रविवार सुबह वह अपने कुछ लोगों के साथ बारात लेकर वापस लौट गया।

स्थानीय लोगों में आक्रोश, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

यह घटना गांव में चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने इस तरह के दहेज लोभी रवैये की कड़ी निंदा की है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और बेटी ऐसे लालच का शिकार न बने।

थाना प्रभारी का बयान: “शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी”

गुढ़ागौड़जी थाना प्रभारी राममनोहर ठोलिया ने मीडिया को बताया, “फिलहाल इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। यदि दुल्हन पक्ष की ओर से शिकायत मिलती है तो मामला दर्ज कर जांच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

समाज के लिए एक सवाल: कब खत्म होगी दहेज की यह प्रथा?

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज भी दहेज जैसी सामाजिक बुराइयां किस तरह से लोगों की ज़िंदगी बर्बाद कर रही हैं। एक शिक्षित लड़की, जो अपने पैरों पर खड़ी होने की कोशिश कर रही थी, उसका जीवन बसने से पहले ही उजड़ गया।

1 comment

  1. Nice
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